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Extramarital affair का मतलब क्या है??

Extramarital affair का मतलब है कि जब एक व्यक्ति, जो शादीशुदा है, किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रोमांटिक या शारीरिक संबंध में शामिल हो जाए जो उसका जीवनसाथी नहीं है। इस प्रकार का संबंध शादी के बाहर होता है और आमतौर पर इसे गुप्त रखा जाता है। यह विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं:

  1. शारीरिक संबंध: जहाँ एक व्यक्ति शादी के बाहर किसी अन्य व्यक्ति के साथ शारीरिक रूप से जुड़ता है।
  2. भावनात्मक संबंध: जहाँ एक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के साथ गहरे भावनात्मक संबंध में होता है, बिना शारीरिक संपर्क के भी।
  3. ऑनलाइन अफेयर: इंटरनेट या सोशल मीडिया के माध्यम से बनाए गए संबंध, जिनमें कभी-कभी शारीरिक मुलाकात नहीं होती।

Extramarital affair आमतौर पर विवाह में तनाव, अविश्वास, और संकट का कारण बन सकता है और इससे विवाह का टूटना भी हो सकता है। विभिन्न संस्कृतियों और समाजों में इसे अलग-अलग नजरिये से देखा जाता है, लेकिन अधिकांश स्थानों पर इसे नैतिक रूप से गलत माना जाता है।

नैतिक और कानूनी प्रभाव:

India में, extramarital affairs के लिए कुछ specific legal provisions हैं। हालाँकि, देश के कानूनों में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं। कुछ प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:

  1. व्यभिचार कानून (Adultery Law):
  • पहले, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 497 के तहत, व्यभिचार एक अपराध था। यह धारा कहती थी कि यदि कोई पुरुष किसी विवाहित महिला के साथ उसकी सहमति के बिना संबंध बनाता है, तो वह पुरुष अपराधी माना जाएगा और उसे जेल हो सकती है। हालांकि, महिला को अपराधी नहीं माना जाता था।
  • 27 सितंबर 2018 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने धारा 497 को असंवैधानिक घोषित किया। अब व्यभिचार को अपराध नहीं माना जाता है और इसके लिए कोई सजा नहीं है।
  1. नैतिक और कानूनी प्रभाव:
  • हालाँकि व्यभिचार अब अपराध नहीं है, लेकिन इसका नैतिक और सामाजिक प्रभाव अभी भी गहरा है। यह विवाह में तनाव, तलाक, और अन्य पारिवारिक समस्याओं का कारण बन सकता है।
  • विवाह में धोखा देने के आधार पर तलाक के मामलों में व्यभिचार को एक महत्वपूर्ण कारण माना जा सकता है। यह तलाक की कार्यवाही में उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि मानसिक क्रूरता के आधार पर।
  1. सिविल मामले:
  • व्यभिचार को तलाक की याचिका के आधार के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। अगर कोई पति या पत्नी साबित कर देता है कि उनके साथी ने व्यभिचार किया है, तो यह तलाक के लिए एक मजबूत कारण हो सकता है।

कानून समय-समय पर बदलते रहते हैं, इसलिए किसी भी कानूनी सलाह या नवीनतम जानकारी के लिए एक योग्य कानूनी सलाहकार से परामर्श करना हमेशा उचित होता है।

extramarital affair के कारण तलाक की संभावना हो सकती है।

हाँ, extramarital affair के कारण तलाक की संभावना हो सकती है। जब एक साथी किसी दूसरे के साथ विवाहेतर संबंध में होता है, तो इससे शादी में विश्वास, सम्मान, और भावनात्मक जुड़ाव को गंभीर क्षति पहुँच सकती है। यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु हैं जो बताते हैं कि extramarital affair तलाक की ओर कैसे ले जा सकता है:

  1. अविश्वास और धोखा: जब किसी को पता चलता है कि उसका जीवनसाथी किसी और के साथ संबंध में है, तो इससे विश्वासघात की भावना पैदा होती है। यह विश्वास का टूटना विवाह को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।
  2. भावनात्मक तनाव: विवाहेतर संबंध के कारण उत्पन्न तनाव, निराशा, और भावनात्मक दर्द तलाक का कारण बन सकता है। दोनों साथी इस तनाव को संभालने में असमर्थ हो सकते हैं, जिससे तलाक की संभावना बढ़ जाती है।
  3. सामाजिक दबाव: कई बार, समाज और परिवार का दबाव भी तलाक के निर्णय को प्रभावित कर सकता है। extramarital affair की स्थिति में, सामाजिक प्रतिष्ठा को बचाने के लिए भी तलाक का निर्णय लिया जा सकता है।
  4. कानूनी आधार: कई देशों में, व्यभिचार (adultery) तलाक के लिए एक कानूनी आधार हो सकता है। भारत में भी, विवाहेतर संबंध तलाक के लिए एक कारण हो सकता है, भले ही इसे अब आपराधिक अपराध नहीं माना जाता है।
  5. भावनात्मक अलगाव: विवाहेतर संबंध से भावनात्मक अलगाव उत्पन्न हो सकता है, जिससे दोनों साथी एक-दूसरे से दूर हो सकते हैं और उनके बीच की आपसी समझ और सहमति समाप्त हो सकती है।

हालांकि, हर स्थिति अलग होती है, और कुछ जोड़े काउंसलिंग, बातचीत, और समय के माध्यम से अपनी समस्याओं को सुलझा सकते हैं। लेकिन यदि समस्याएं गंभीर हैं और दोनों साथी साथ में आगे नहीं बढ़ना चाहते, तो तलाक एक विकल्प बन सकता है।

What changes were made in the law of July 2024??

In July 2024, there have been significant updates in the legal framework regarding extramarital affairs in India. Here are the key changes and updates:

  1. Criminal Laws Overhaul: Three new laws, namely the Bharatiya Nyaya Sanhita, the Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, and the Bharatiya Sakshya Act, came into effect from July 1, 2024. These laws replace the Indian Penal Code (IPC), the Code of Criminal Procedure, and the Indian Evidence Act, which were colonial-era laws. Various sections under these new laws have been renumbered and revised to modernize and streamline the criminal justice system【25†source】.
  2. Extramarital Affairs and Legal Implications:
  • While extramarital affairs are no longer considered a criminal offense after the decriminalization of adultery by the Supreme Court in 2018, they can still have significant implications in cases of divorce and custody. For instance, an extramarital affair can be grounds for divorce but not necessarily for criminal prosecution unless it is linked with other offenses like cruelty under Section 498A of the IPC【23†source】【26†source】.
  • The Delhi High Court has ruled that an extramarital affair alone cannot be the sole factor in denying a parent custody of their children unless it is proven that the affair negatively impacts the child’s welfare【24†source】.
  1. Divorce and Custody: Adultery can be cited in divorce proceedings and can influence the outcome of cases related to alimony and custody, although it is not the sole determining factor for child custody decisions【24†source】【26†source】.

These updates reflect a shift towards a more nuanced approach in dealing with marital issues, focusing on the welfare of children and the specific circumstances of each case rather than a blanket criminalization of extramarital affairs.

Extramarital Affairs के मुख्य करण?

विवाहेतर संबंध के मुख्य करण

भावनात्मक असंतोष: जब पति या पत्नी अपने संबंध में भावनात्मक समर्थन और समझ नहीं पाते, तो वो किसी और से भावनात्मक जुड़ाव ढूंढ सकते हैं।

शारीरिक असंतोष: शारीरिक संबंध का अभाव भी एक बड़ा कारण हो सकता है। जब एक साथी की अपनी यौन ज़रूरतें पूरी नहीं हो पातीं, तो वह किसी और के साथ शारीरिक संबंध बना सकता है।

संचार की कमी: संवाद की कमी से गलतफहमियां और अधूरी जरूरतें होती हैं, जो दोनों पार्टनर्स के बीच दूरी को बढ़ाते हैं।

नवीनता और उत्साह की चाहत: लंबे समय तक एक ही रिश्ते में रहने से कुछ लोग नए और रोमांचक अनुभव ढूंढते हैं।

बदला या प्रतिशोध: अगर एक साथी को लगता है कि उसका साथी उसके साथ धोखा कर रहा है, तो वह भी बदला लेने के लिए अफेयर कर सकता है।

अवसर और प्रलोभन: सामाजिक और कार्य परिवेश में कभी-कभी ऐसे अवसर और प्रलोभन मिलते हैं जो अफेयर के लिए लीड करते हैं।

व्यक्तिगत विकास और अन्वेषण: कुछ लोगों को अपने व्यक्तित्व और इच्छाओं का पता लगाने की ज़रूरत होती है जो उन्हें लगता है कि वर्तमान विवाह में पूरा नहीं हो सकता।

वैवाहिक झगड़े और तनाव: शादी में झगड़े और तनाव होने पर कुछ लोग सांत्वना और आराम के लिए अफेयर में शामिल हो सकते हैं।

कम आत्मसम्मान: कम आत्मसम्मान वाले लोग अपने आत्मविश्वास और वांछनीयता को बढ़ावा देने के लिए अफेयर कर सकते हैं।

सांस्कृतिक और सामाजिक कारक: कुछ संस्कृतियाँ और सामाजिक परिवेश में विवाहेतर संबंधों को अधिक स्वीकृति मिलती है, जो लोगों को इस तरह के रिश्तों में शामिल किया जाता है, उन्हें प्रभावित किया जाता है।

विवाहेतर संबंधों को कैसे रोका जा सकता है?

प्रभावी संचार: अपने साथी के साथ खुले और ईमानदार रहें। अपनी आवश्यकताओं, इच्छाओं और चिंताओं पर चर्चा करें और उन्हें सुनने का प्रयास करें।

भावनात्मक संबंध बनाना: अपने साथी के साथ भावनात्मक संबंध बनाना। इसके लिए आप क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं, अपनी भावनाएं साझा कर सकते हैं और एक-दूसरे का समर्थन कर सकते हैं।

शारीरिक अंतरंगता कैसे सुधारें: अपने शारीरिक संबंधों को बेहतर बनाने का प्रयास करें। अपनी यौन ज़रूरतों और प्राथमिकताओं पर खुलकर चर्चा करें।

झगड़ों को शीघ्रता से सुलझाएं: झगड़ों और गलतफहमियों को शीघ्रता से सुलझाएं। यदि आवश्यक हो तो विवाह परामर्श से सहायता लें।

विश्वास और पारदर्शिता बनाए रखें: विश्वास बनाए रखने के लिए ईमानदारी और पारदर्शिता आवश्यक है। अपने साथी को अपनी दैनिक गतिविधियों और बातचीत के बारे में सूचित रखें।

पेशेवर मदद लें: यदि रिश्ते की समस्याएं अधिक गंभीर हो जाती हैं, तो विवाह परामर्श जैसी पेशेवर मदद लेनी चाहिए।

सराहना और कृतज्ञता दिखाएं: अपने साथी के प्रति सराहना और कृतज्ञता दिखाना महत्वपूर्ण है। इससे रिश्ते में सकारात्मकता और जुड़ाव बढ़ता है।

व्यक्तिगत विकास और विकास: अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों और रुचियों को बनाए रखें। खुद को खुश और संतुष्ट रखना रिश्तों में स्थिरता लाने में भी मदद करता है।

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